कोलकाता, जनबोल स्टाफ : पश्चिम बंगाल में आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान आइएनडीआइए ब्लॉक को झटका लगता प्रतीत होता है। यहां आइएनडीएआइ के घटक दल कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने ‘एकला चलो रे’ की तर्ज पर अकेले-अकेले चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के प्रयासों के बावजूद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने पहले ही अकेले दम पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था। अब शनिवार को बंगाल प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रजंन चौधरी ने एक बार फिर दोहराया है कि कांग्रेस को तृणमूल के सहारे की जरूरत नहीं। कांग्रेस बंगाल में अकेले चुनाव लड़ेगी।
ममता बनर्जी अभी उलझन में
अधीर रंजन चौधरी ने मुर्शिदाबाद स्थित पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से कहा है कि तृणमूल उलझन में है। ममता बनर्जी ने अधिकारिक तौर पर अब तक गठबंधन के समाप्त करने की बात नहीं कहा है। वे इसे लेकर उलझन में हैं। उन्हें स्पस्ट तौर पर हां या ना कहना चाहिए।अधीर ने कहा कि तृणमूल की पहली उलझन यह है कि उसके एक वर्ग का मानना है कि पार्टी अगर विरोधी दलों के गठबंधन आइएनडीआइए के बिना चुनाव लड़ेगी तो अल्पसंख्यक उसके खिलाफ वोट देंगे। वहीं दूसरे वर्ग का मानना है कि अगर गठबंधन को बंगाल में अधिक महत्व दिया गया तो मोदी सरकार उनके खिलाफ ईडी व सीबीआइ का इस्तेमाल करेगी। इन दो उलझनों के कारण तृणमूल स्पष्ट निर्णय नहीं ले पा रही है।
कई दफे अकेले दम पर चुनाव लड़ने का किया ऐलान
उन्होने कहा कि हो सकता है कि दिल्ली में कोई बातचीत हो रही हो, लेकिन मेरे पास ऐसी कोई सूचना नहीं है। हम कई बार कह चुके हैं कि कांग्रेस बंगाल में अकेले चुनाव लड़ेगी।’ मालूम हो कि अधीर शुरू से ही तृणमूल के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं। उल्ल्ेखनीय है कि ममता बनर्जी भी पहले ही कह चुकी हैं कि तृणमूल बंगाल में अपने बूते चुनाव लड़ेगी। इसके पहले तृणमूल ने बंगाल की कुल 40 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस को मात्र दो सीटें देने की पेशकश की थी। इसपर अधीर रंजन चौधरी भड़क उठें थे। उन्होंने कहा था कि बंगाल में कांग्रेस, भाजपा और तृणमूल दोनों का विरोध करती रही है और आगामी चुनाव में भी वे लोग अपने दम पर ही चुनाव लड़ने के पक्ष में हैं।