कोलकाता, जनबोल स्टाफ : पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के संदेशखाली गांव में फरार तृणमूल नेता शाहजहां शेख की गिरफ्तारी की मांग को लेकर महिलाओं और ग्रामीणों का लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है। शनिवार को ग्रामीणों से बातचीत करने पहुंचे बंगाल के दो मंत्रियों सुजीत बोस और पार्थ भौमिक को भी महिलाओं के विरोध का सामना करना पड़ा। बंगाल के दमकल मंत्री सुजीत बोस और सिंचाई मंत्री पार्थ भौमिक संदेशखाली के विधायक सुकुमार महतो के साथ वहां डैमेज कंट्रोल के लिए पहुंचे थे। इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाओं ने एकत्रित होकर दोनों मंत्रियों के सामने फरार तृणमूल नेता शाहजहां शेख की गिरफ्तारी की मांग करते हुए जमकर विरोध जताया। ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा कि उनकी एक ही मांग है कि शाहजहां की तुरंत गिरफ्तारी हो। महिलाओं ने कहा कि उन्हें राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का पैसा नहीं बल्कि मान-सम्मान चाहिए।
मंत्री ने पल्ला झाड़ने की कोशिश की
इसपर मंत्री पार्थ भौमिक ने मामला हाई कोर्ट में होने की बात कह गेंद ईडी के पाले में डालकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की। भौमिक ने कहा कि मामला हाई कोर्ट में है। इसकी जांच का दायित्व ईडी के पास है। उन्होंने आक्रोशित ग्रामीणों को भरोसा दिया कि राज्य पुलिस को जांच का दायित्व मिलने पर 10 दिनों के भीतर शाहजहां की गिरफ्तारी हो जाएगी।
दीगर है कि संदेशखाली में बड़ी संख्या में महिलाओं ने तृणमूल नेता शाहजहां शेख और उसके समर्थकों पर यौन उत्पीड़न और जबरन जमीन हड़पने का आरोप लगाया है। इसे लेकर महिलाओं ने सड़क पर उतरकर उग्र प्रदर्शन भी किया और स्थानीय तृणमूल नेताओं की संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया था। संदेशखाली के कुछ हिस्सों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (दक्षिण बंगाल) सुप्रतिम सरकार ने भी इलाके का दौरा किया। पांच जनवरी को राशन घोटाले के सिलसिले में शाहजहां के परिसर पर छापा मारने गए ईडी के अधिकारियों पर भीड़ ने हमला कर दिया था, जिसके बाद से शाहजहां फरार है। शाहजहां की अब तक गिरफ्तारी नहीं होने को लेकर हाल में हाई कोर्ट भी दो बार राज्य सरकार व पुलिस को फटकार लगा चुकी है। इससे पहले राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कुमार ने भी ग्रामीणों में विश्वास पैदा करने के प्रयास के तहत दो बार क्षेत्र का दौरा किया है।
तृणमूल नेतृत्व को सता रहा डर
बंगाल सरकार की ओर से लक्ष्मी भंडार, कन्याश्री व रूपश्री जैसी महिलाओं पर केंद्रित कल्याणकारी योजनाएं शुरू करने के बावजूद संदेशखाली में महिलाओं का भारी विरोध-प्रदर्शन देखकर सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस चिंतित है। पार्टी नेतृत्व को संदेशखाली कांड का आगामी लोकसभा (लोस) चुनाव में असर पड़ने का डर सता रहा है। तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि सारा कुछ स्थानीय नेतृत्व पर छोड़ देने के कारण ऐसी विकट स्थिति उत्पन्न हुई है। मालूम हो कि उत्तर 24 परगना जिला, जिसके अंतर्गत संदेशखाली आता है, का दायित्व लंबे समय तक राज्य के मंत्री व पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्योतिप्रिय मल्लिक के हाथों में था। ज्योतिप्रिय वर्तमान में राशन घोटाले में जेल में हैं। एक ओर तृणमूल परेशान है तो दूसरी ओर भाजपा संदेशखाली को लेकर आक्रामक है। भाजपा सांसद लाकेट चटर्जी ने कहा कि बंगाल के हर कोने में संदेशखाली है। आने वाले दिनों में हर जगह से तृणमूल नेताओं के खिलाफ विरोध के स्वर उठेंगे।