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संदेशखाली जा रही पूर्व न्‍यायाधीश की टीम पुलिस हिरासत में, महिलाओं ने झाड़ू़ू लेकर टीएमसी नेता को दौड़ाया

कोलकाता, जनबोल न्‍यूज:  बंगाल के संदेशखाली में रविवार को महिलाओं पर अत्याचार की कथित घटनाओं की जांच के लिए जा रही पटना उच्च न्यायालय के

By Janbol News

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abhijay kumar

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कोलकाता, जनबोल न्‍यूज:  बंगाल के संदेशखाली में रविवार को महिलाओं पर अत्याचार की कथित घटनाओं की जांच के लिए जा रही पटना उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एल नरसिंह रेड्डी के नेतृत्व वाली एक स्वतंत्र फैक्ट फाइंडिंग कमेटी (तथ्यान्वेषी समिति) के छह सदस्यों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली के कुछ हिस्सों में धारा 144 लागू होने का हवाला देते हुए उनके काफिले को लगभग 52 किलोमीटर पहले ही रोक दिया। इसके बाद न्यायाधीश रेड्डी, पूर्व आइपीएस अधिकारी राज पाल सिंह, राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व सदस्य चारू वली खन्ना, वकील ओपी व्यास एवं भावना बजाज और वरिष्ठ पत्रकार संजीव नायक सड़क के किनारे बैठ गए, यह सभी आगे जाने पर अड़े रहे। कोलकाता पुलिस के डिप्टी कमिश्नर सैकत घोष ने मीडिया से कहा कि हम उनसे अनुरोध कर रहे थे कि वह यहां से न गुजरें, लेकिन वह गैरकानूनी तरीके से पुलिस बैरिकेड को तोड़ने की कोशिश कर रहे थे। इसलिए हमें उन्हें हिरासत में लेना पड़ा। रेड्डी का कहना है कि हमने पुलिस कर्मियों से कहा है कि कानून का पालन करने वाले नागरिक के नाते हम नियम नहीं तोड़ेंगे। इसके बावजूद हमें जाने की अनुमति नहीं दी गई और हिरासत में ले लिया गया।

पुलिस ने टीएमसी नेता को हिरासत में लिया

संदेशखाली में रविवार को पुलिस ने एक और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी)  नेता अजीत माइती को हिरासत में ले लिया। माइती की गिरफ्तारी की मांग पर स्थानीय लोगों ने सुबह से ही भारी विरोध प्रदर्शन किया। लोगों का आरोप है कि फरार तृणमूल नेता सिराजुद्दीन शेख के करीबी अजीत माइती ने भारी मात्रा में जमीन हड़प ली है। यहां जब स्थानीय महिलाओं ने लाठी व झाड़ू लेकर माइती को पकड़ने के लिए दौड़ाया तो उन्हें दूसरे के घर में जाकर छिपना पड़ा। वहां पर उन्होंने अपने को एक घर में चार घंटे तक बंद रखा। बाद में पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। मीडिया से बातचीत में उसने स्वीकार किया कि यहां बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। वहीं मंत्री पार्थ भौमिक ने भी स्वीकार किया कि अत्याचार करने पर रोष बाहर आएगा ही। मंत्री ने कहा कि माइती को अंचल अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। दूसरी ओर पुलिस ने आइएसएफ नेता आयशा बीबी को संदेशखाली इलाके से गिरफ्तार स्थानीय टीएमसी नेता शिबप्रसाद हाजरा की पोल्ट्री फर्मों को जलाने में कथित संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया।

टीएमसी मंत्रियों ने डेढ़ महीने का समय मांगा

 टीएमसी के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को लगातार दूसरे दिन संदेशखाली का दौरा किया और ग्रामीणों की शिकायतें सुनीं। यह सत्तारूढ़ दल के स्थानीय नेताओं के कथित अत्याचारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल में राज्य के मंत्री पार्थ भौमिक और सुजीत बोस शामिल थे। इन मंत्रियों ने हाल ही में हिंसक विरोध प्रदर्शन वाली जगह बेड़मजूर क्षेत्र का दौरा किया और स्थानीय लोगों से उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए डेढ़ महीने का समय मांगा।

संदेशखाली की पीड़िताओं के समर्थन में आईं नंदीग्राम की महिलाएं

 बंगाल के नंदीग्राम में जमीन अधिग्रहण के विरुद्ध आंदोलन करने वालीं महिलाओं ने संदेशखाली की पीड़िताओं के समर्थन में आवाज उठाई है। साल 2007-08 में वाममोर्चा के शासनकाल में नंदीग्राम में जबरन भूमि अधिग्रहण हुआ था। इसका विरोध करने पर स्थानीय लोगों को काफी प्रताड़ित किया गया था, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं। वर्तमान में तृणमूल कांग्रेस की सरकार में संदेशखाली में सत्ताधारी पार्टी के नेताओं द्वारा महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मामले सामने आए हैं। नंदीग्राम में जमीन अधिग्रहण के विरुद्ध आंदोलन करने वालीं महिलाओं का कहना है कि हमें पता चल गया है कि जब जो सत्ता में होता है, वही अत्याचार करता है। संदेशखाली की महिलाएं हमारी तरह ही विरोध-प्रदर्शन कर रही हैं। हम उनका पूरी तरह से समर्थन करते हैं। नंदीग्राम से भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने कहा है कि संदेशखाली दूसरा नंदीग्राम बनने जा रहा है।

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