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Yash cyclone Impact : जानें क्या है चक्रवात के लिए जारी रेड यलो और ऑरेंज अलर्ट

Janbol News कुछ दिन पहले हीं तौकते चक्रवाती तूफान के प्रभाव से भारत का दक्षिणी हिस्सा उबरा है। अब पूर्वी भारत के बंगाल ,उड़ीसा, अंडमान

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Bala Patanpuria

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कुछ दिन पहले हीं तौकते चक्रवाती तूफान के प्रभाव से भारत का दक्षिणी हिस्सा उबरा है। अब पूर्वी भारत के बंगाल ,उड़ीसा, अंडमान निकोबार द्वीप समूह समेत बिहार और झारखण्ड जैसे राज्य यास तूफान के प्रभाव (Yash cyclone Impact ) में हैं। जब कभी भी तूफान या चक्रवात आतें हैं तो भारतीय मौसम विभाग की ओर से अलर्ट जारी किया जाता है। अलर्ट में अक्सर रेड अलर्ट( Red alert), यलो अलर्ट (Yellow Alert ) और ऑरेंज अलर्ट (Orange alert) जैसे शब्दावली का प्रयोग भारतीय मौसम विभाग ( IMD) की ओर से किया जाता है। चक्रवात (cyclone) य़ा आमतौर पर भी मौसम खराब होने के समय में प्रयोग किये जाने वाले इन शब्दावली का क्या है मतलब आइए एक-एक करके समझते हैं।

चक्रवात में  रेड अलर्ट ( Red alert during cyclone )

रेड अलर्ट अक्सर चक्रवात के समय हीं जारी किया जाता है।  भारत फिलहाल यस चक्रवात से  प्रभावित ( Yash cyclone Impact ) हो रहा है।  देश के ज्यादातर तटीय इलाके में जब चक्रवात आने की संभावना रहती है तब चक्रवात के कारण हवा की रफ्तार स्थापित चीजों के सहन करने की क्षमता से अधिक होती है। तब जान- माल की बड़े पैमाने पर नुकसान का खतर रहता है। ऐसी स्थिति में भारतीय मौसम विभाग (IMD) की ओर से रेड अलर्ट जारी किया जाता है। रेड अलर्ट जारी होने का मतलब यह समझा जाना चाहिए कि इलाका फिलहाल रहने योग्य नहीं है ।यहां जान का खतरा हो सकता है। रेड अलर्ट के इलाके में एनडीआरएफ (NDRF) , एसडीआरएफ ( SDRF ) और सेना के जवान लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए तत्पर रहते हैं । इलाके के सार्वजनिक परिवहन , स्कूल सेवा , तथा अन्य रूटीनी (सामान्य)  कार्य तूफान से उत्पन्न स्थिति सामान्य होने तक बंद कर दिये जाते हैं।

यलो अलर्ट ( Yellow alert ) मतलब सचेत रहना है।

यास चक्रवात के प्रभाव ( Yash cyclone Impact )  के कारण कई इलाके में यलो अलर्ट भी जारी किया गया है।  यलो अलर्ट सिर्फ चक्रवात के समय हीं नहीं बल्कि आपके इलाके के मौसम खराब होने, भारी बारिश होने की संभावना पर , बिजली गिरने की संभावना आदि के समय भी यह अलर्ट जारी किया जा सकता है। यलो अलर्ट का मतलब है कि आप अपने रूटीनी (सामान्य)  काम पर लगे रहें लेकिन सतर्क रहने की जरूरत है। मौसम विभाग की सूचनाओं से खुद को अपडेट रखें। चक्रवात के समय यलो अलर्ट जारी होने की संभावना का मतलब है कि आपका इलाका रेड अलर्ट वाले इलाके से सटा हुआ है । आपके इलाके में हवा की तेज रफ्तार रहेगी और भारी बारिश     होने की संभावना है।

ऑरेंज अलर्ट ( Orange alert ) का मतलब “तैयार रहना है”

मौजूदा समय में जब तौकते चक्रवाती तूफान से उबरने के बाद भारत का पूर्वी भाग यास चक्रवात के प्रभाव ( Yash cyclone Impact) में है तब कुछ इलाके में  ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है। रेड अलर्ट की तरह हीं ऑरेंज अलर्ट है । ऑरेंज अलर्ट जारी होने का सामान्य मतलब है कि खराब मौसम के प्रभाव के लिए आपको तैयार रहना है। ऐसा नहीं है कि यह सिर्फ चक्रवात के समय ही जारी की जाती है। ऑरेंज अलर्ट में मौसम का मतलब ठंढ़ा ,गर्मी और वर्षा किसी भी समय के खराब मौसम से हो सकता है। मौसम विभाग खराब मौसम में यह अलर्ट जारी कर सकता है। खराब मौसम का असर खास इलाके के जनजीवन पर पड़ता है। ऑरेंज अलर्ट के समय प्रशासन कुछ समय के लिए यात्रा , स्कूल और दूसरी जरूरी सेवाओं का ख्याल रखती है जो प्रशासनिक स्वविवेक और इलाके की स्थिति पर निर्भर करता है। प्रशासन चाहे तो स्कूल आदि भी बंद  कुछ समय के लिए करवा सकते हैं।

क्या पूरी दुनिया रेड, ऑरेंज,  यलो अलर्ट जारी करता है ?  

आम तौर पर चक्रवातों के प्रभाव या आम मौसमी प्रभाव को इंगित करने के लिए भारत समेत दुनिया के लगभग सभी देश इसी प्रणाली का प्रयोग कर रहे हैं। लेकिन अपवाद के रूप में कुछ ऐसे भी देश मौजूद हैं जो खराब मौसम से संबंधित अलर्ट जारी करने के लिए अलग संकेतों का प्रयोग करते हैं। स्वीडन ऐसा हीं एक देश है। स्वीडन अपने नागरिकों को सतर्क करने के लिए जिन संकेतों का प्रयोग करता है उसमें क्लास-1, क्लास-2, क्लास-3 अलर्ट शामिल है। क्लास -1 से स्वीडन के मौसम विभाग का तात्पर्य सतर्कता है। क्लास-2 का मतलब मौसम खराब है और नागरिकों को तैयार रहनी है। क्लास-3 का मतलब स्थिति अतिगंभीर है तथा नागरिकों को सुरक्षित रहनी है।

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