Panchayat election 2021 : पंचायत चुनाव 2021 की प्रतिक्षा में लगे लोगों के लिए बडी खबर है। चुनाव नहीं होने और 15 जून को पंचायत प्रतिनिधियों के जब कार्यकाल खत्म होगें तो पंचायतों में काम कैसे होगा ? इस सवाल का सरकारी जवाब अब साफ हो चुका है । दरअसल वर्तमान पंचायत प्रतिनिधियों के कार्यकाल के बाद के लिए सरकार ने बीच का रास्ता निकाला है। अब जब चुनाव के असार खत्म हो चुके हैं सरकार परामर्श समिति गठन करने जा रही है। मंगलवार को नीतीश कैबिनेट की बैठक संपन्न होने के बाद बिहार सरकार में पंचायती राज विभाग के मंत्री सम्राट चौधरी ने जानकारी देते हुए कहा कि “बिहार में पंचायत चुनाव नहीं होने की स्थिति में बिहार में पंचायत, ग्राम कचहरी, पंचायत समिति, जिला परिषद में परामर्शी समिति का गठन किया जाएगा।” बताते चलें कि नीतीश सरकार ने पंचायती राज अधिनियम 2006 में संशोधन किया है. अधिनियम के धारा 14, 39, 66 और 92 में संशोधन किया गया है। नया अध्यादेश लाकर वर्तमान जनप्रतिनिधियों को शक्ति देने की योजना है। चर्चा है कि परामर्श समिति में अफसर और वर्त्तमान पंचायत प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जायेगा।
विपक्ष से सूर मे सुर मिला रहे थे मांझी-सहनी
बिहार पंचायत चुनाव 2021 ( Panchayat election 2021 ) टलने की स्थिति में क्या होगा या नहीं होगा यह अब जाकर साफ हुआ है लेकिन इससे पहले बताते चलें कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार से यह मांग की थी पंचायतों को अफसरों के हवाले नहीं किया जाये . उनका तर्क था कि ऐसा करने पर गॉव स्तर पर अफसरशाही बढ़ेगी। विपक्ष के इस मांग पर सरकार का यह स्टैंड तो अब जाकर साफ हुआ है लेकिन नीतीश सरकार में सहयोगी हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी और विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी लगातार सरकार से आग्रह कर रहे थे कि वर्तमान पंचायत प्रतिनिधियों के कार्यकाल को चुनाव होने तक के समय के लिए बढ़ाया जाये। बहरहाल अब यह स्पष्ट हो चला कि सरकार न तो पूरी तरह से वर्तमान प्रतिनिधियों के हाय़ों में कमान देने वाली है न हीं अफसरों के बल्कि इन दोनों के सहयोग से परामर्श समिति कार्य करेगी।