Ramvilash Paswan life : लोजपा के अंदर चल रहा सियासी घमासान अब घर से बाहर सबके सामने है। रामविलास के छोटे भाई और चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस चिराग से बगावत कर सांसदों को अलग कर पार्टी पर दावा ठोक रहे हैं। चिराग और पारस की लड़ाई की जड़ हर कोई जानना चाह रहा है। जब रामविलास पासवान अस्पताल में भर्ती थे तभी से पशुपति पारस पर पार्टी तोड़ने की कोशिश का आरोप चिराग मढ़ रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रामविलास की बेटियाँ मृत्युशैया पर मौजूद अपने पिता से मिल तक नहीं पाई थी। नहीं मिलने की वजह कोई और नहीं चिराग पासवान की अपनी माँ रीना शर्मा थी।
पासवान की हैं दो पत्नियाँ, एक महल तो एक झोपड़ी में
रामविलास पासवान जिंदगी भर ( Ramvilash Paswan life ) वैसे तो राजनीति में मौसम वैज्ञानिक रहे हैं। इनका जन्म जामुन पासवान और सिया देवी के घर पर हुआ जो बिहार के खगड़िया जिले के शहरबन्नी गांव में रहने वाला एक दलित परिवार था। पासवान ने कोसी कॉलेज, पिल्खी और पटना विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक और मास्टर ऑफ़ आर्ट्स की डिग्री हासिल की है। इनकी पहली शादी साल 1960 के दशक में राजकुमारी देवी से हुई थी। उनकी पहली पत्नी से दो बेटियां, उषा और आशा हैं। 1969 से राजनीतिक मुकाम के बुलंदियों को छुने में लगे रामविलास पासवान शादी के तकरीबन 25 साल बाद 1983 में रीना शर्मा से शादी की जो एक एयरहोस्टेस थीं और अमृतसर से पंजाबी हिंदू ब्रह्मण परिवार से हैं। रीना शर्मा से एक बेटा चिराग और एक बेटी निशा है। उनके बेटे चिराग पासवान नेता से पहले एक अभिनेता रह चुके हैं।
रोती रहीं पहली पत्नी की बेटी नहीं पसीजा छोटी मां का दिल
रामविलास पासवान की पहली पत्नी आज भी गरीबी की हालत में पासवान के पैतृक घर पर रहने के लिए मजबूर है वहीं रीना शर्मा और उनके पुत्र चिराग पासवान रामविलास के आलिशान बंगले में। पिछले साल जब रामविलास ने अंतिम सांस ली तब से परिवार की लड़ाई और अंतर्कलह लगभग सबके सामने आने लगा था। रामविलास पासवान की बड़ी पत्नी राजकुमारी देवी की बेटी आशा पासवान ने मीडिया के सामने आपबीती सुनाई थी कि रामविलास की बीमारी की हालत में रीना शर्मा बेटियों को मिलने तक नहीं दी थी। वे बिलख कर रोते हुए कह रही थीं कि हमलोग पिता से मिलने के लिए हवाई टिकट का जुगाड़ भी कर लिए थे लेकिन छोटी मम्मी( रीना शर्मा) अंतिम समय में यह कह कर आने से मना किया था कि कोरोना का समय है यहां आने की कोई जरूरत नहीं है।
रामविलास नहीं रहे लेकिन चिराग के अलावा कोई और भी नहीं
रामविलास पासवान का निधन पिछले साल 6 अक्टूबर को हीं हो चुका है। पासवान ने दो शादियाँ की, राजकुमारी देवी ( दलित) और रीना शर्मा ( ब्रह्मण) से। दोनों शादियों में चार बच्चे हुए लेकिन बेटा एक मात्र चिराग। लिहाजा रामविलास ने चिराग को हीं आगे बढ़ाना सही समझा। आखिर पितृसतात्मक समाज में पिता के बाद पुत्र हीं तो होता है। हाँ, भाईयों को संभालने के अलावा बड़ी पत्नी की बेटियों को भी संभाले होते तो चिराग लेकर घुमने वाला कोई तो होता। फिलहाल लोजपा में टूट के बाद चिराग को अपना कोई दिख नहीं रहा है। देखना दिलचस्प होगा कि लोजपा का राजनीतिक भविष्य क्या होता है?