भाजपा के एम. एल. सी. टुन्ना पाण्डेय बिहार के मुख्यमंत्री और खुद अपनी पार्टी भाजपा के खिलाफ खूब बोल रहे थे। लिहाजा भाजपा ने पाण्डेय जी को चुप करवाने का तरीका निकाला। पाण्डेय जी अब भाजपा में नहीं रहे। भाजपा ने अपने एमएलसी टुन्ना पाण्डेय ( BJP expelled Tuna Pandey) को पार्टी से निकाल दिया है। एमएलसी साहब के निलंबन से संबंधित चिट्ठी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जयसवाल ने जारी कर विदायी की घोषणा कर दी है।
जारी हुआ था कारण बताओ नोटिस
नीतीश कुमार और खुद भाजपा के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रहे टुन्ना पाण्डेय को निकाले जाने (BJP expelled Tuna Pandey ) से पहले भाजपा ने कारण बताओ नोटिस थमाया था। 10 दिनों में नोटिस का जवाब देना था। हालांकि पार्टी ने नोटिस के साथ यह तय कर दिया था कि यदि संतोषजनक जवाब नहीं आया तो पाण्डेय जी की लूटिया डूबने वाली है।
पाण्डेय जी और कुशवाहा में चल रहा था शह- मात का खेल
पाण्डेय जी , नीतीश कुमार के लिए राजद के दिवंगत सांसद शहाबुद्दीन की उस टिप्पणी को दुहराया था जिसमें नीतीश कुमार को परिस्थितियों का नेता बताया गया था। पाण्डेय जी न केवल नीतीश कुमार को परिस्थितियों का नेता बताया बल्कि यहाँ तक कह दिया कि ‘मुझे किसी से डर नहीं लगता। मैं नीतीश कुमार के खिलाफ बोलता रहूंगा, वे मेरे नेता नहीं है। मैं डरने वाला नहीं हूं।’ पाण्डेय जी के इस बयान के बाद पार्टी विलय कर जदयू के नेशनल कॉउंसिल में बैठे उपेंद्र कुशवाहा को बर्दाश्त नहीं हुआ । उन्होने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल से पूछा कि यदि ऐसा ही बयान जदयू के किसी नेता ने भाजपा या उसके किसी नेता के बारे में दिया होता तो क्या कार्रवाई होती? खैर कार्रवाई स्पष्ट हो चुकी है । टुन्ना पाण्डेय भाजपा से निकाले जा चुके हैं।
एमएलसी का काट एमएलसी के पास, संजय सिंह काटने वाले थे उंगली
टुन्ना पाण्डेय एमएलसी हैं और कुशवाहा से बात नहीं जम रही थी। नया एमएलसी सामने आये संजय सिंह पेशे से जदयू के मुख्य प्रवक्ता हैं। संजय सिह कह दिये थे उनके पास भी जुबान है। नीतीश कुमार पर उंगली उठायी तो काट देंगे। अब काटना उंगली चाह रहे थे या कुछ और पता नहीं। उन्होने हिदायत दी थी कि बर्दाश्त की भी कोई सीमा होती है। उस सीमा के, लक्ष्मण रेखा को मत पार करो। ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा। कोई माई का लाल पैदा हुआ है जो नीतीश कुमार को जेल भेजवा दे? यहीं नहीं एमएलसी महोदय यह भी मानते हैं कि भाजपा एमएलसी टुन्ना पाण्डेय शराब कारोबारी रहे हैं । कारोबार बंद होने के कारण नीतीश कुमार पर गुस्से में रहते हैं। खैर, बात चाहे जो भी हो राजनीति में नमूने बहुत हैं । हम सब को बस सुनकर और पढ़कर चलता करने की जरूरत है। फिलहाल पाण्डेय जी भाजपा से चलता (BJP expelled Tuna Pandey) कर दिये गये हैं।